Privatisation of electricity in Chandigarh will be a profitable deal for everyone

चंडीगढ़ में बिजली का निजीकरण सब के लिए होगा फायदे का सौदा

Privatisation of electricity in Chandigarh will be a profitable deal for everyone

Privatisation of electricity in Chandigarh will be a profitable deal for everyone

Privatisation of electricity in Chandigarh will be a profitable deal for everyone- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I पिछले साल केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने जब बिजली वितरण कंपनियों के वार्षिक परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करते हुए डिस्कॉम्स की एकीकृत रेटिंग का 12 वां संस्करण जारी किया तो उसमें निजी कंपनियों का दबदबा साफ दिखा। ऊर्जा मंत्रालय ने 72 डिस्कॉम्स का मूल्यांकन किया और इसमें सिर्फ 12 डिस्कॉम को उच्चतम (ए) प्लस रेटिंग हासिल हुई। सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि शीर्ष 10 बिजली वितरण कंपनियों में 6 निजी कंपनियां शामिल थी।

बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों का अव्वल आना उनकी असाधरण प्रदर्शन क्षमता और नेतृत्व को दर्शाता है। 2024 में ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी इस रिपोर्ट से साबित होता है कि निजीकरण न केवल बेहतर सेवाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करता है बल्कि वित्तीय प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभाता है। देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में निजी कंपनियां बिजली वितरण का सफलतापूर्वक संचालन कर रही हैं। इन बड़े शहरों में निजी कंपनियों ने उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने और वित्तीय दक्षता में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाई है।

देश के अलग-अलग राज्यों में निजीकरण की सफलता ये बताती हैं कि ये मॉडल उपभोक्ताओं और सरकार दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। देश के दूसरे बड़े शहरों की तरह अब चंडीगढ़ के लोगों को भी ये उम्मीद है कि एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड जो सीईएससी लिमिटेड ( आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप) की 100 फीसदी सहायक कंपनी है बेहतर कार्य-कुशलता के साथ उन्हें बेहतर सेवाएं मुहैया कराएगी। बिजली वितरण के क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने से किस तरह सभी को फायदा हुआ है इसका पूरा विश्लेषण कर चंडीगढ़ बिजली विभाग को खरीदने वाली कंपनी की ओर से किया गया।

बेहतर कार्यक्षमता और कम नुकसान

निजीकरण से पहले दिल्ली में ट्रांसमिशन और वितरण नुकसान 50 फीसदी से ज्यादा था। निजी कंपनियों के आने के बाद स्वचालित बिलिंग सिस्टम और 24/7 ग्राहक सहायता जैसे उपायों से जहां सेवा गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ, वहीं नुकसान में भी काफी कमी देखने को मिली है। जाहिर है निजीकरण से न सिर्फ नुकसान के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है बल्कि बिजली की गुणवत्ता में भी काफी सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में सभी तीन निजी डिस्कॉम - टीपीडीडीएल, बीआरपीएल, और बीवाईपीएल ने ट्रांसमिशन और वितरण नुकसान का स्तर 7 फीसदी तक सीमित कर लिया।

बिजली ढांचे का सुधार और सेवा की विश्वसनीयता

मुंबई में निजीकरण से वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण हुआ, जिससे तकनीकी नुकसान कम हुए और सेवा विश्वसनीयता में भी सुधार हुआ। ग्राहकों को स्पष्ट बिलिंग, रियल-टाइम पावर कट अपडेट और कुशल शिकायत निवारण तंत्र का लाभ मिला। समानांतर लाइसेंसधारी वातावरण में संचालित होते हुए, ग्राहकों को अब आपूर्तिकर्ता चुनने की सुविधा मिलती है।

वित्तीय स्थिरता और सब्सिडी पर निर्भरता में कमी

उड़ीसा में हाल में हुए निजीकरण ने राज्य-स्वामित्व वाली वितरण कंपनियों की उच्च देनदारियों और अक्षमताओं को दूर करने में काफी मदद की है। केवल तीन वर्षों में, उड़ीसा के सभी डिस्कॉम्स ने एटीएंडसी नुकसान को 27 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी पर ला दिया है। निजीकरण से जहां वित्तीय प्रबंधन में सुधार आया है, वहीं इससे बिजली आपूर्तिकर्ता ग्रिडको पर सरकारी सब्सिडी की निर्भरता भी कम हुई है जिससे अधिक स्थायी संचालन सुनिश्चित हुआ है।

तकनीकी उन्नति और ग्राहक जुड़ाव

टाटा पावर डीडीएल का अनुभव यह दर्शाता है कि निजीकरण तकनीकी उन्नति और वित्तीय स्थिरता को कैसे प्रोत्साहित करता है। स्मार्ट ग्रिड, स्वचालित मीटर और डेटा एनालिटिक्स के उपयोग से परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जबकि रियल-टाइम आउटेज प्रबंधन प्रणालियों ने उपभोक्ता विश्वास और समग्र सेवा गुणवत्ता को बढ़ावा दिया है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में निजीकरण ने वित्तीय पुनर्गठन, नुकसान में कमी और स्थिरता में वृद्धि सुनिश्चित की है।

देश के अलग-अलग शहरों का ये मॉडल बताता है कि निजीकरण से चंडीगढ़ में भी काफी फायदा होगा

एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड का कहना है कि वो चंडीगढ़ में अपनी सेवाएं शुरू करने को लेकर काफी उत्साहित है। कंपनी चंडीगढ़ में विश्व स्तरीय विद्युत संरचना विकसित करने के लिए समर्पित है, जो चंडीगढ़ की हरित विरासत के सौंदर्य से मेल खाती हो। दिल्ली और उड़ीसा में किए गए हस्तांतरण ने यह सुनिश्चित किया है कि स्थानांतरित कर्मचारियों को बेहतर विकास के अवसर मिले हैं और उनके सभी टर्मिनल लाभ सुरक्षित रहें हैं। एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड चंडीगढ़ बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों के लिए एक उत्कृष्ट कार्य वातावरण तैयार करने और उनके बेहतर भविष्य के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ये भी सुनिश्चित करेगी कि सभी कर्मचारियों की सेवा शर्तें और सेवानिवृत्ति लाभ, जैसा कि समझौते में उल्लिखित है, पूरी तरह से लागू किए जाएं। पी आर कुमार (प्रेसिडेंट, बिजली वितरण, आरपीएसजी ग्रुप) का कहना है कि चंडीगढ़ में बिजली वितरण क्षेत्र में प्रवेश करना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारा लक्ष्य चंडीगढ़ के सभी निवासियों को विश्वसनीय बिजली, उत्कृष्ट ग्राहक सेवा, और उन्हें हर कदम पर सहयोग प्रदान करना है।